शख़्सियत

  • अनुग्रह नारायण सिंह

    डा. अनुग्रह नारायण सिंह भारतीय राजनेता और बिहार के प्रथम उप मुख्यमंत्री सह वित्त मंत्री थे। डा. अनुग्रह नारायण सिंह भारत के स्वतंत्रता सेनानी, शिक्षक एवं राजनीतिज्ञ रहे हैं। उन्होंने महात्मा गाँधी तथा डा. राजेंद्र प्रसाद के साथ मिलकर चम्पारण सत्याग्रह में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई वे आधुनिक बिहार के निर्माताओं में एक थे इन्हीं लोकप्रियता के कारण उन्हें बिहार विभूति के रूप में जाना जाता…

    Read More »
  • सर्वेश्वर दयाल सक्सेना

    सर्वेश्वर दयाल सक्सेना मूलतः कवि एवं साहित्यकार थे, पर जब उन्होंने दिनमान का कार्यभार संभाला तब समकालीन पत्रकारिता के समक्ष उपस्थित चुनौतियों को समझा और सामाजिक चेतना जगाने में अपना अनुकरणीय योगदान दिया सर्वेश्वर मानते थे कि जिस देश के पास समृद्ध बाल साहित्य नहीं है, उसका भविष्य उज्ज्वल नहीं रह सकता। सर्वेश्वर की यह अग्रगामी सोच उन्हें एक बाल पत्रिका के सम्पादक के नाते…

    Read More »
  • डॉ रामकुमार वर्मा

    1. प्रस्तावना: डॉ॰ रामकुमार वर्मा आधुनिक हिन्दी साहित्य के एकांकी सम्राट हैं । वे नाटककार, कवि, हिन्दी साहित्य इतिहास के लेखक, समीक्षक, अध्यापक व छायावादी कवि थे । उनके नाटकों व एकांकी की विषय-वस्तु ऐतिहासिक, सामाजिक, सांस्कृतिक उच्चादर्शों पर केन्द्रित है । हिन्दी एकांकी: साहित्य को नया अर्थ, गौरव व आदर्श देने वाले डॉ. वर्मा युगप्रवर्तक एकांकीकार कहे जा सकते है । उन्होंने एकांकी के साथ-साथ…

    Read More »
  • निर्मल वर्मा

    निर्मल वर्मा (३ अप्रैल १९२९- २५ अक्तूबर २००५) हिन्दी के आधुनिक कथाकारों में एक मूर्धन्य कथाकार और पत्रकार थे। शिमला में जन्मे निर्मल वर्मा को मूर्तिदेवी पुरस्कार (१९९५), साहित्य अकादमी पुरस्कार (१९८५) उत्तर प्रदेश हिन्दी संस्थान पुरस्कार और ज्ञानपीठ पुरस्कार से सम्मानित किया जा चुका है। परिंदे (१९५८) से प्रसिद्धि पाने वाले निर्मल वर्मा की कहानियां अभिव्यक्ति और शिल्प की दृष्टि से बेजोड़ समझी जाती…

    Read More »
  • नीरद चंद्र चौधुरी

    नीरद चंद्र चौधुरी (बंगला : নীরদ চন্দ্র চৌধুরী नीरदचन्द्र चौधुरी ; 23 नवम्बर 1897 – 1 अगस्त 1999) बंगाल के एक विद्वान एवं अंग्रेजी-लेखक थे। इनके द्वारा रचित एक जीवनी स्कॉलर एक्स्ट्राऑर्डिनरी के लिये उन्हें सन् 1975 में साहित्य अकादमी पुरस्कार से सम्मानित किया गया। कृतियाँ बांग्ला बंगाली जीबने रमणी (बंगाली जीवन में नारी की भूमिका) आत्मघाती बंगाली आत्मघाती रबीन्द्रनाथ आमार देबोत्तर सम्पत्ति (My Bequeathed Property) निर्बाचित प्रबन्ध (चुने हुए निबन्ध) आजी होते शतबर्ष आगे (सौ वर्ष पहले) अंग्रेजी The…

    Read More »
  • कमलेश्वर

    कमलेश्वर का जन्म 6 जनवरी 1932 को मैनपुरी, उत्तर प्रदेश में हुआ। आपने इलाहाबाद विश्वविद्यालय से एम.ए. किया। कमलेश्वर ने उपन्यास, कहानी, नाटक, संस्मरण, पटकथा विधाओं में लेखन किया। दूरदर्शन के अतिरिक्त महानिदेशक के पद पर आसीन कमलेश्वर ने सारिका, दैनिक जागरण और दैनिक भास्कर जैसी कई पत्र-पत्रिकाओं का संपादन भी किया। साहित्य अकादमी पुरस्कार से पुरस्कृत कमलेश्वर को भारत सरकार ने पद्म भूषण से…

    Read More »
  • के पी सक्सेना

    के पी सक्सेना (जन्म: 1934 बरेली- मृत्यु: 31 अक्टूबर 2013 लखनऊ) भारत के एक हिन्दी व्यंग्य और फिल्म पटकथा लेखक थे। साहित्य जगत में उन्हें केपी के नाम से अधिक लोग जानते थे। उनकी गिनती वर्तमान समय के प्रमुख व्यंग्यकारों में होती है। हरिशंकर परसाई और शरद जोशी के बाद वे हिन्दी में सबसे ज्यादा पढ़े जाने वाले व्यंग्यकार थे। उन्होंने लखनऊ के मध्यवर्गीय जीवन को लेकर अपनी रचनायें लिखीं। उनके लेखन की शुरुआत उर्दू में उपन्यास लेखन के साथ हुई…

    Read More »
  • जीवनानन्द दास

    जीवनानंद दास (१७ फ़रवरी १८९९- २२ अक्तुबर १९५४) बोरिशाल (बांग्लादेश) में जन्मे बांग्ला के सबसे जनप्रिय रवीन्द्रोत्तर कवि हैं। उन्हें १९५५ में मरणोपरांत श्रेष्ठ कविता के लिए साहित्य अकादमी पुरस्कार से सम्मानित किया गया।[1] १९२६ में उनका पहला कविता संग्रह प्रकाशित हुआ। झरा पालक, धूसर पांडुलिपि, बनलता सेन, महापृथिबी, रूपसी बांगला आदि उनकी बहुचर्चित कृतियाँ हैं। रबीन्द्रनाथके रुमानी कविता के प्रभावको अस्वीकार कर उनहोनें अपनाहि एक अलग काव्यभाषा का जन्म दिया जो पहले पाठक-समाज को गवारा नहीं था। परन्तु…

    Read More »
  • जयशंकर प्रसाद

    जयशंकर प्रसाद जी का जन्म 30 जनवरी 1889 को उत्तरप्रदेश वाराणसी के काशी में हुआ था। इनके दादा जी का नाम शिव रतन साहू तथा पिता जी का नाम देवीप्रसाद था और इनके बड़े भाई का नाम शंभू रत्न था। इनके दादा जी तथा पिताजी काशी में तंबाकू का व्यापार करते थे, जिसके कारण इनका परिवार पूरे काशी में सुंघनी साहू के नाम से प्रसिद्ध…

    Read More »
  • गोपाल दास नीरज

    गोपालदास नीरज (जन्म: 4 जनवरी 1925), हिन्दी साहित्यकार, शिक्षक एवं कवि सम्मेलनों के मंचों पर काव्य वाचक एवं फ़िल्मों के गीत लेखक हैं। वे पहले व्यक्ति हैं जिन्हें शिक्षा और साहित्य के क्षेत्र में भारत सरकार ने दो-दो बार सम्मानित किया, पहले पद्म श्री से, उसके बाद पद्म भूषण से। यही नहीं, फ़िल्मों में सर्वश्रेष्ठ गीत लेखन के लिये उन्हें लगातार तीन बार फिल्म फेयर…

    Read More »
Back to top button